सीएम भूपेश बघेल
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छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल कल बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने रविवार शाम को इसे ‘भरोसे का बजट’ कहा। प्रदेश की जनता के नाम दिए संबोधन में कई अहम बातें कहीं। आइए जानते हैं इस बार का बजट कैसे खास रहेगा? क्या इसके मायने होंगे? लोगों को क्या सौगात मिलेगी? सीएम भूपेश गृह विभाग, कृषि, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सड़क आदि विभागों के अलग-अलग मंत्रियों और अफसरों से चर्चा कर बजट की रुपरेखा तैयार कर चुके हैं।
सीएम और वित्त मंत्री के रूप में भूपेश के कार्यकाल का यह आखिरी बजट कई मायनों में बेहद खास होगा। विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर हर वर्ग को साधने की पूरी कोशिश की जाएगी। रूठे सरकारी कर्मचारियों पर पर भी सरकार मेहरबान हो सकती है। उनकी लंबित मांगें पूरी हो सकती हैं। नियमित समेत कई जनकल्याणकारी घोषणाएं हो सकती हैं।
खेती-खलिहान और किसान
किसानों के जरिए सत्ता पर काबिज होने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस बार फिर किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। धान पर प्रदेश की राजनीति केंद्रित रहती है। ऐसे में धान पर बोनस को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में हमेशा ठनी रहती है। ऐसे में राज्य सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है। चर्चा है कि धान के अलावा अन्य खाद्यान्न के समर्थन मूल्य को लेकर सीएम बड़ा तोहफा दे सकते हैं। खेती-किसानी से जुड़े कृषि उपकरणों में करों में छूट देने के साथ सब्सिडी बढ़ा सकते हैं।
अनियमित संविदा कर्मचारियों को गुड न्यूज!
अनियमित संविदा कर्मचारियों को गुड न्यूज मिल सकती है। उनके सपने पूरे हो सकते हैं। सीएम बजट में कर्मचारियों के संविलियन की राह खोल सकते हैं। वहीं युवाओं के लिए रोजगार, पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती समेत कई घोषणाएं हो सकती हैं।
इनके लिए होगा बजट का प्रावधान
इससे पहले सीएम गणतंत्र दिवस पर 2500 रुपए भत्ता देने का ऐलान कर चुके हैं। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जा सकता है। युवाओं के लिए स्टार्टअप योजना और इनोवेशन सेंटर खोले जाने की योजना है। महिलाओं, गृहणियों को आत्मनिर्भर बनाने मुख्यमंत्री कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
इन वर्गों पर रहेगी सरकार की निगाहें
सबसे अहम और बड़ी बात अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी वर्ग के वोट को साधने के लिए सरकार खजाना खोल सकती है। अलग से घोषणा कीउम्मीद हैं। बता दें कि सीएम भूपेश ने इस बार के गणतंत्र दिवस के भाषण में बस्तर संभाग, सरगुजा और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के पर्वों के आयोजन के लिए हर ग्राम पंचायत को हर साल 10 हजार रुपए देने का ऐलान भी शामिल है।