स्मार्टफोन ब्लास्ट होने से 11 वर्षीय मासूम गंभीर रूप से घायल
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार

मोबाइल के फटने से गंभीर रूप से घायल 11 वर्षीय मरीज आयुष खेस के आंखों के कॉर्निया में आयी चोट को पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित नेत्र रोग विभाग में डॉ. संतोष सिंह पटेल के नेतृत्व में त्वरित ऑपरेशन करते हुए डॉ. रेशु मल्होत्रा, डॉ. सुशील, डॉ. मोनिका, डॉ. वैभव, डॉ. साधना, डॉ. अंशु एवं डॉ. मधु ने ठीक किया।

मोबाइल ब्लास्ट से एक आंख और एक हाथ खोया

डॉ. संतोष सिंह पटेल ने बताया कि स्मार्टफोन या मोबाइल का ब्लास्ट इतना ज्यादा ख़तरनाक रहा कि आंख की कॉर्निया की चोट को ऑपरेशन के बाद ठीक किया गया है, लेकिन गंभीर आंतरिक चोट के कारण एक आंख की रोशनी आ पाना मुश्किल है। मरीज इस तरह से एक आंख और एक हाथ को खो चुका है। उसकी एक हाथ की कुछ उंगलियां ब्लास्ट में कट चुकी हैं।

 

मरीज के सीने, पेट, चेहरे और दाहिने हाथ में कई चोंटे

परिजनों ने बताया कि जब बच्चा फोन चार्ज पर रख कर 2 घंटे से ज्यादा समय तक गेम खेल रहा था। मरीज सीतापुर सरगुजा का रहने वाला है। घर पर 10 बड़े और 3 बच्चे हैं। किसान परिवार में सभी साथ रहते हैं। मोबाइल ब्लास्ट की घटना के समय बच्चा अकेला था। यह 12 फरवरी शाम 5 बजे की घटना है। घटना के बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर ले जाया गया। वहां प्रायमरी उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रिफर कर दिया गया। वहां से डीकेएस अस्पताल रायपुर रिफर किया गया। वहां उपचार के बाद आंखों में काफी चोंट आने से  20 फरवरी को नेत्र रोग विभाग भेजा गया। मरीज के सीने, पेट, चेहरे और दाहिने हाथ में कई चोंटे आने पर उसे तुरंत ऑपरेशन रूम में ले जाया गया।

‘मोबाइल ब्लास्ट’ या ‘बॉम्बाइल’ क्यों फट रहे हैं मोबाइल?

डॉ. पटेल के अनुसार स्मार्टफोन के फटने या आग लगने का मुख्य कारण स्मार्टफोन का अत्यधिक गर्म  होना है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से स्मार्टफोन ज्यादा गरम हो सकते है। अत्यधिक गेमिंग और बहु कार्यण (मल्टीटास्किंग) के बाद स्मार्टफोन गर्म हो सकते हैं। कई जगहों से मोबाइल फोन के अचानक हाथ में या जेब में या कॉल रिसीव करने के बाद फटने की खबरें आती रहती है। इसे ही ’मोबाइल ब्लास्ट’ या ’बॉम्बाइल’ कहते हैं। जिससे रोगी, परिवार के सदस्यों और समाज दोनों पर शारीरिक और मानसिक रूप से विनाशकारी परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

इन चरणों में हम मोबाइल गर्म और ब्लास्ट होने से बचाव कर सकते  हैं 

  • शारीरिक नुकसान से बचने के लिए फ़ोन केस का उपयोग करना,
  • अत्यधिक बाहरी तापमान से बचना,
  • फोन को उस स्थान पर चार्ज करना जहाँ से आप दूर हो
  •  बैटरी अच्छी हो हमेंशा चेक करें फूलने पे तत्काल बदल देवें।
  •  अपने फ़ोन को हमेशा 30-80 प्रतिशत बैटरी के बीच चार्ज करना
  •  कंपनी की ओर से अनुशंसित चार्जर केबलों का उपयोग करना चाहिए ।

फोन ब्लास्ट होने से पहले क्या होता है?

फ़ोन फटने से पहले कोई विशिष्ट चेतावनी देते हैं, हालाँकि, कुछ फुफकारने या चटकने की आवाज़ें हो सकती हैं, या प्लास्टिक या रसायनों के जलने की गंध आ सकती है। इन संकेतों को फोन के क्षतिग्रस्त होने और फटने से सावधान रहने के रूप में नोट किया जाना चाहिए।

मोबाइल से आँखों में मायोपिया होने का ख़तरा

डॉ. पटेल के अनुसार, बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, इससे आँखों में मायोपिया होने का ख़तरा कोरोना के बाद बहुत ज़्यादा हो गया है। पढ़ाई के लिए किताब या डेस्कटॉप का उपयोग करें। रही बात मनोरंजन की तो इसके लिए टेलीविजन ही सही है। 

 



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