मंत्री कवासी लखमा
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छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में अपने किए गए घोषणा पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर प्रयासरत है। इस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार अपने घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा कर सकती है। यानी राज्य सरकार चुनाव से पहले प्रदेश में शराबबंदी लागू कर सकती है।
इसे वादे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित शराबबंदी अध्ययन दल बिहार रवाना हो चुका है। ये टीम सबसे पहले दिल्ली होते हुए पटना जाएगी, वहां पर शराबबंदी की योजना को समझेगी। फिर बिहार से वापस अध्ययन टीम मिजोरम जाएगी। 12 मार्च की शाम को टीम वापस आएगी। 13 मार्च को विधानसभा है। उक्त आशय की जानकारी आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दी है।
बिहार से मिजोरम जाएगी टीम
मंत्री ने बताया कि अध्ययन टीम बिहार के लिए रवाना हो चुकी है। वहां से मिजोरम जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। निष्कर्ष करने के बाद अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी। हालांकि प्रदेश में शराबबंदी होगी या नहीं फिलहाल ये कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि बस्तर के लोग पूजा पाठ में भी शराब का उपयोग करते हैं, इसलिए बस्तर में शराबबंदी का सवाल ही नहीं उठता। बस्तर के लिए अलग से नियम हो सकते है। वहां शराबबंदी करना पंचायत तय करेगी।
बीजेपी पर साधा निशाना
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी शराबबंदी को लेकर गंभीर नहीं है। भाजपा के लोग झूठ बोलने में पारंगत हैं, इसलिए बैठक में नहीं आते हैं और कमेटी में सदस्य भी नहीं भेजते हैं। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कमेटी गठित की है, जिसके अध्यक्ष सीनियर विधायक सत्यनारायण शर्मा हैं।