elephant attack
– फोटो : अमर उजाला

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में हाथी ने फिर दो लोगों की जान ले ली। शादी समारोह से देर रात लौट रहे एक युवक को हाथी ने कुचलकर मार डाला। उसके साथ गए दोस्तों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। घटना के बाद काफी देर तक हाथी वहीं घूमता रहा। इसके कारण मौके पर पहुंचे ग्रामीण और वन विभाग की टीम नजदीक नहीं जा सकी। अगले दिन मंगलवार सुबह युवक का शव बरामद किया जा सका। मामला अंबिकापुर-प्रतापपुर मुख्य मार्ग में ग्राम केरता का है। दूसरी घटना में अंबिकापुर से लगे केपी में हुई, जहां हाथी ने एक युवक को कुचल दिया।  

शार्टकट के चक्कर में खेत में घुसे तो सामने मिला हाथी

जानकारी के अनुसार, केरता निवासी जीतन बेक (30) सोमवार रात गांव के अन्य युवकों आदित्य एक्का, प्रकाश बेक, लच्छू एक्का और एक अन्य युवक के साथ शादी समारोह में शामिल होने ग्राम खेता गया था। वहां से सभी पंपापुर में भी एक अन्य विवाह समारोह में शामिल होने रात करीब 11 बजे पैदल ही निकले थे। पंपापुर जाने के लिए शार्टकट लेने खेतों को पार कर मुख्यमार्ग के पास पहुंचे थे, तो सामने अचानक हाथी आ गया। यह देखकर सभी युवक भागने लगे। 

दौड़ाकर युवक को पटका, फिर कुचल दिया

इस दौरान चार युवक तो भाग निकले, लेकिन शक्कर कारखाने के पास जीतन बेक को दौड़ाकर हाथी ने सूंढ़ से उठाकर पकड़ दिया।  इसके बाद उसे कुचल डाला। इससे जीतन की मौके पर ही मौत हो गई। वहां से जान बचाकर भागे अन्य युवकों ने ग्रामीणों को घटना की सूचना दी गई। ग्रामीणों ने वन विभाग को भी जानकारी दी। काफी देर तक जब युवक नहीं लौटा तब लोगों को संदेह हो गया कि वह हाथी की चपेट में आ गया। घटना के बाद हाथी भी आसपास ही विचरण कर रहा था, इसलिए ग्रामीण मौके पर नहीं पहुंच सके। 

वन विभाग कर रहा है निगरानी

करीब पांच घंटे बाद हाथी वहां से आगे निकल गया,तब जाकर गांव वाले मौके पर पहुंचे। खोजबीन करने पर कुछ दूर पर जीतन बेक का शव पड़ा हुआ मिला। सूचना पर प्रतापपुर रेंजर विनय टंडन वनअमले के साथ मौके पर पहुंचे। हाथी के आसपास होने के कारण ग्रामीणों को सतर्क रहने एवं जंगल की ओर नहीं जाने की समझाइश दी गई है। फिलहाल हाथी के धरमपुर, सिंगरा क्षेत्र में विचरण को देखते हुए वनविभाग निगरानी कर रहा है। 

केपी में युवक को हाथी ने कुचला

एक घटना में मंगलवार दोपहर हाथी ने एक युवक को कुचल दिया। ग्राम केपी अजिरमा निवासी 28 वर्षीय भंडारी दास अपने एक साथी के साथ जंगल में लकड़ी लेने गया हुआ था। इसी दौरान भंडारी दास व साथी के सामने अचानक हाथी आ गया। इस दौरान उसके साथ गए व्यक्ति ने भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन भंडारी दास हाथी से अपने आप को बचा नहीं पाया। हाथी ने कुचलकर भंडारी दास को मार दिया। करीब 20 दिनों पहले इस हाथी ने ही दवा देने गए एक वनकर्मी को कुचल दिया था।



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