छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कांग्रेसी नेताओं के घर दबिश दी। ईडी की इस कार्रवाई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन और झारखंड के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है जब प्रदेश में चार दिन बाद यानी 24 फरवरी से कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। कांग्रेस नेताओं के घर पर ईडी की छापेमारी से कांग्रेस आग-बबूला हो गई है। दिल्ली से लेकर रायपुर तक केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को प्रदेश के करीब एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं के घर दबिश दी। ईडी ने प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल और विनोद तिवारी पर कार्रवाई की है। इनसे जुड़े रायपुर की श्रीराम नगर, डीडी नगर, गीतांजलि नगर, मोवा में छापे मारे गए। खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, सारंगढ़ विधायक चंद्रदेव राय और भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव और उनके भाई धर्मेंद्र यादव के यहां भी ईडी की टीम पहुंची है। एक दिन पहले ही विधायक देवेंद्र का जन्मदिन था। देवेंद्र यादव के भिलाई और रायपुर में सरकारी बंगले पर टीमों ने छापा मारा है।
अमर उजाला से चर्चा में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार देवेश तिवारी कहते है कि चार दिन बाद प्रदेश में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। प्रदेश कांग्रेस संगठन को इसकी पूरी तैयारी करनी होती है। चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है इसलिए जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी बनती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास नेताओं की एक कोर टीम है, जो संगठन के कामों से लेकर चुनाव व अन्य सभी कामों का मैनेजमेंट देखती है। इसमें कुछ वरिष्ठ विधायक से लेकर पार्टी के पदाधिकारी भी शामिल हैं। अगस्त 2022 में जब झारखंड में राजनीतिक संकट था। तब कांग्रेस-जेएमएम सहित सहयोगी दलों के विधायकों को रायपुर के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट किया गया था। इस रिजॉर्ट में केवल तीन लोगों की एंट्री थी। इसमें कांग्रेस नेता सन्नी अग्रवाल, रामगोपाल अग्रवाल और गिरीश देवांगन शामिल थे। ये तीनों लोग सीएम की कोर टीम का हिस्सा हैं। ईडी ने इन तीनों नेताओं के घर पर भी छापे की कार्रवाई की है।
तैयारियों में लगे साथियों पर छापे मार हमारे हौसले नहीं तोड़े सकते: सीएम बघेल
वरिष्ठ पत्रकार तिवारी कहते है कि ईडी ने जिन नेताओं पर छापेमारी की कार्रवाई की है, वे सभी राष्ट्रीय अधिवेशन का मैनेजमेंट देख रहे थे। प्रदेश के कोषाध्यक्ष के नाते रामगोपाल अग्रवाल के पास कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थीं। जबकि अन्य सभी विधायक और पदाधिकारियों होटल, बस से लेकर तमाम प्रकार की व्यवस्था का काम का संभाल रहे थे। ईडी की इस कार्रवाई के बाद सीएम बघेल के सामने नया संकट आ गया है कि अधिवेशन की तैयारियों को तीन दिन में अंतिम रूप कैसे दिया जाए। ईडी अगले कुछ दिनों तक इन नेताओं के घर कार्रवाई करेगी। ऐसे में अधिवेशन की तैयारियां प्रभावित होगी।
ईडी की छापेमार कार्रवाई पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष, पूर्व उपाध्यक्ष और विधायक समेत कई साथियों के घरों पर ईडी ने छापा मारा है। चार दिन के बाद रायपुर में कांग्रेस का महाधिवेशन है। तैयारियों में लगे साथियों को इस तरह रोक कर हमारे हौसले नहीं तोड़े जा सकते। भारत जोड़ो की सफलता और अदाणी की सच्चाई खुलने से भाजपा हताश है। यह ध्यान भटकाने का प्रयास है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। कांग्रेस पार्टी ऐसी दमनकारी कार्रवाई के आगे झुकेगी नहीं। जब-जब कांग्रेस पार्टी कोई बड़ा कदम उठाती है, यहां छापे पड़ते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और जयराम ने भाजपा पर बोला हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईडी की कार्रवाई पर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि पिछले नौ सालों में ईडी ने जो रेड की हैं,, उसमें 95 फीसदी विपक्षी नेता हैं। इनमें सबसे ज़्यादा कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ है। रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन के पहले मोदी सरकार द्वारा ईडी का दुरुपयोग कर छत्तीसगढ़ के हमारे कांग्रेस नेताओं पर छापा मारना, भाजपा की कायरता को दर्शाता है। हम इन कायराना धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की अपार सफलता से भाजपा की बेचैनी दिखने लगी है। मोदी जी में ज़रा भी ईमानदारी है तो अपने ‘परम मित्र’ के महाघोटालों पर रेड करें। लोकतंत्र को कुचलने के इस प्रयास का हम डट कर सामना करेंगे। ईडी का मतलब अब एलिमिनेटिंग डेमोक्रेसी है।
95 फीसदी छापे केवल विपक्षी नेताओं पर
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति की मिसाल सोमवार को रायपुर में देखने को मिली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी का अधिवेशन होने वाला है और उससे ठीक तीन दिन पहले ईडी के छापे पड़े हैं। भाजपा सरकार के खिलाफ हमलावर होते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पीएम ईडी को वहां नहीं भेजते जहां इसकी आवश्यकता होती है। उनके पास फेयर एंड लवली स्कीम है। जिन पर पूर्व में ईडी की नकेल कसी गई, वे भाजपा में शामिल होने के बाद बेगुनाह हो गए। मुझे नहीं पता कि छापे कब तक जारी रहेंगे। इन छापों ने हमें प्रधानमंत्री और उनकी प्रतिशोध और उत्पीड़न की तीसरे दर्जे की राजनीति के प्रति और भी अधिक आक्रामक होने के लिए एक बूस्टर खुराक दी है। कांग्रेस ने कहा कि अब ईडी का मतलब एलिमिनटिंग डेमोक्रेसी है। 2004 से 2014 के बीच ईडी ने 112 बार छापे मारे थे, जबकि बीते आठ साल में 3,010 छापे मारे गए। सिर्फ राजनीतिक दलों की बात करें तो 95 फीसदी छापे केवल विपक्ष के नेताओं पर मारे गए।