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– फोटो : Agency (File Photo)

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सुकमा के थाना जगरगुंडा में डीआरजी जवानों पर हुए हमले को इस साल के टीसीओसी का पहला हमला माना जा रहा है। नक्सली मुठभेड़ में 3 जवानों के शहीद होने की खबर है। सीआरपीएफ के स्थापना दिवस से पहले हुआ बड़ा हमला अगाह कर गया है। क्योंकि पहली बार स्थापना दिवस में गृहमंत्री अमित शाह शामिल हो सकते हैं।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपना 84वां स्थापना दिवस समारोह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयोजित करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 19 मार्च को बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई है।

शनिवार को हुए हमले में शहीद जवानों में एक एएसआई, एक असिस्टेंट कॉन्स्टेबल और एक सैनिक शामिल है। बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह सुकमा के थाना जगरगुंडा से डीआरजी की पार्टी गस्त के लिए रवाना हुई थी। अभियान के दौरान सुबह 9:00 बजे जगरगुंडा और कुंदेड़ के बीच पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस दौरान एएसआई रामूराम नाग, असिस्टेंट कॉन्स्टेबल कुंजाम जोगा और सैनिक वंजाम भीमा की शहादत हो गई । पुलिस की अतिरिक्त फोर्स मौके पर पहुंच गई है इलाके में सर्च अभियान अभी भी जारी है।

इस बार नक्सलियों ने अपनी रणनीति में भी काफी बड़ा बदलाव किया है। पहले मार्च और फिर जनवरी में टीसीओसी की शुरूआत करने के बाद अब इस साल फरवरी के मध्य शुरू किया गया है।जानकारी के मुताबिक नक्सली संगठन टीसीओसी अभियान चलाते हैं इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पुलिस के खिलाफ आक्रामक होकर लड़ाई लड़ना और ज्यादा से ज्यादा जवानों को नुकसान पहुंचाना रहता है। बस्तर में जितने भी बड़े नक्सली हमले हुए हैं। जिनमें जवानों की ज्यादा शहादत हुई है।वह नक्सलियों के इसी अभियान के दौरान हुए है।



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